8th pay commissions update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पेश करने जा रही हैं। बजट की तारीखें करीब आने के साथ ही सरकार को आठवें वेतन आयोग का जल्द से जल्द गठन करने के लिए एक और प्रस्ताव मिला है। अलग-अलग कर्मचारी संगठनों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है। हम आपको बता दे की कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से क्या आगरा किया है। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार से यह आग्रह किया है वह कर्मचारी और पेंशनधारियों का वेतन और मिलने वाले भत्ते को बढ़ाए और संशोधन के लिए एक आयोग का गठन करें।
हम आपको बता दे की वेतन आयोग का यह उद्देश्य की केंद्र सरकार वेतन आयोग का और 10 साल पर गठन करता है। जिसका मुख्य उद्देश्य है केंद्र सरकार कर्मचारियों के वेतन और मिलने वाले भत्तों इसके लाभ में बदलाव की समझा करना है।
8th pay commissions
आपको बता दू की वेतन आयोग ने ये सिफारिशें मुद्रास्फीति अहम बातों को ध्यान में रखते हुए इसका विचार करती है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की इससे पहले सातवें वेतन आयोग का गठन हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह जी ने 28 फरवरी 2014 को किया था।
ऐसे में यह 8वां केंद्रीय वेतन आपको 1 जनवरी 2026 में लागू होने की उम्मीद जताई जा रही। लेकिन आपको बता दे की केंद्र सरकार की तरफ से इसका अभी तक कोई आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है। लेकिन एक करोड़ से ज़्यादा केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इस आठवें वेतन योग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
क्या कहना है एक्सपर्ट का
आपको बता दे की सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नैयर का यह कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के लगातार तीसरे कार्यकाल के बाद पहला बजट होगा है। इसके साथ ही वेतन आयोग की समय सीमा भी करीब आ रही हैं। लिहाजा चुनावों के बाद सरकार मिडल क्लास को कुछ राहत देने की दिशा में जरूर बड़ा कदम उठा सकती है। हालांकि अगर सरकार 8वें वेतन आयोग को तुरंत पेश करनी है तो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन इसके साथ ही सरकारी वित्त पर भी इसका दबाव बड़ेगा।
जनवरी 2026 में लागू होने की उम्मीद
आपको बता दे की सरकारी कर्मचारी 8वें वेतन आयोग की एक उम्मीद लगाए बैठे हुए हैं और इस 8वी वेतन की मांग भी कर रहे हैं। उन्हें यह उम्मीद है आने वाले साल की जनवरी महीने में 2026 में यह आ जायेगा। लेकिन फिलहाल आगामी बजट में इसकी औपचारिक घोषणा होती नजर नहीं आ रही है। इसके साथ ही कर्मचारी एनपीएस को खत्म करने की मांग कर रहे हैं और सभी कर्मचारी ओपीएस को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी और पेंशनर मांग कर रहे हैं कि कोरोना काल में उन्हें 18 महीने तक डीए और डीआर नहीं दिया गया, लिहाजा उसे जारी किया जाए। इसके साथ ही पेंशन के कुछ हिस्सों को 15 साल के बजाय 12 साल बाद बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी अनुकंपा नियुक्ति पर 5% की छूट को हटाने और सभी मृतक आश्रितों या बच्चों को नियुक्तियां दी जाएं।
Read More: